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मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को(Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

मेरी अखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को,

मैं भगत दीवाना तेरा,

दिखा दूंगा ज़माने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


तेरी लगन में डूबा रहूँगा,

जब तक है सांसो में दम,

जितना चाहे ले ले इम्तेहा,

फिर भी आस ना होगी कम,

ये मन विचलित हो रहा भोले,

आ कुछ समझाने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


कोई चढ़ाए सोना चांदी,

हीरे और मोती अनमोल,

मेरे पास प्रभु कुछ भी नहीं,

बस भक्ति लगन के मीठे बोल,

ये जीवन तुझपे अर्पण,

आ दया बरसाने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


मेरी अखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को,

मैं भगत दीवाना तेरा,

दिखा दूंगा ज़माने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥

घर घर बधाई बाजे रे देखो (Ghar Ghar Badhai Baje Re Dekho)

घर घर बधाई बाजे रे देखो,
घर घर बधाई बाजे रे,

धनदालक्ष्मी स्तोत्रम्

देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥

पौष में सूर्यदेव की पूजा क्यों होती है

पौष मास हिंदू पंचांग का दसवां महीना है और इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है। यह महीना 13 जनवरी तक रहेगा, जिसके बाद माघ महीने की शुरुआत होगी।

मेरी विनती सुनो हनुमान, शरण तेरी आया हूँ (Meri Vinti Suno Hanuman Sharan Teri Aaya Hun)

मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,

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