नवीनतम लेख

मेरी आस तू है माँ, विश्वास तू है माँ(Meri Aas Tu Hai Maa Vishwas Tu Hai Maa)

मेरी आस तू है माँ,

विश्वास तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


ग़म के थपेड़े ये,

कैसे सहें मैया,

एक बार आके माँ,

तू थाम ले बइयाँ,

वरना मैं समझूंगा नाराज़ तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


कितनी करूँ कोशिश,

कोई काम नहीं बनता,

दिल पे लगे ज़ख्मो का,

माँ दर्द नहीं थमता,

करदे करम मुझपे मोहताज हूँ मैं माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


किस्मत मेरी मैया,

क्यों मुझसे रूठ गई,

इसके संवरने की,

उम्मीद भी टूट गई,

कल तक अकेला था पर आज तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


नैया भंवर में है,

तुझको पुकारा माँ,

सूझे नहीं रस्ता,

तुझको निहारा माँ,

‘हरी’ हार नहीं सकता गर साथ तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


मेरी आस तू है माँ,

विश्वास तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥

नरसिंह द्वादशी 2025 तिथि और महत्व

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह भगवान की पूजा करने की परंपरा है।

होली खेलन आयो श्याम, आज(Holi Khelan Aayo Shyam, Aaj)

होली खेलन आयो श्याम
होली खेलन आयो श्याम,

मेरे घर राम आये है (Mere Ghar Ram Aaye Hai)

मेरी चौखट पे चलके आज,
चारों धाम आए है,

नवरात्री वृत कथा (Navratri Vrat Katha)

माँ दुर्गाकी नव शक्तियोंका दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणीका है। यहाँ श्ब्राश् शब्दका अर्थ तपस्या है। ब्रह्मचारिणी अर्थात् तपकी चारिणी-तपका आचरण करनेवाली। कहा भी है वेदस्तत्वं तपो ब्रह्म-वेद, तत्त्व और तप श्ब्राश् शब्दक अर्थ हैं।

यह भी जाने