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मेरे कंठ बसो महारानी (Mere Kanth Baso Maharani)

मेरे कंठ बसो महारानी,

ना मैं जानू पूजा तेरी,

ना मैं जानू महिमा तेरी,

मैं मूरख अज्ञानी,

मेरे कंठ बसो महारानी ॥


सुर में ताल में लय और राग में,

तुम ही हो रागिनी माँ,

सात सुरो की हो वरदानी,

माँ शारदे वीणा पाणी,

मेरे कंठ बसो महारानी ॥


ब्रम्हा जी की हो ब्रम्हाणी,

लक्ष्मी हो विष्णु प्रिया हो,

काली गौरी दुर्गा भी हो,

तुम हो शिव की शिवानी,

मेरे कंठ बसो महारानी ॥


जब भी गाउँ महिमा तुम्हारी,

ना बहकु ना भटकु,

“लख्खा” सुनाये प्रेम से सबको,

तेरी अमर कहानी,

मेरे कंठ बसो महारानी ॥


मेरे कंठ बसो महारानी,

ना मैं जानू पूजा तेरी,

ना मैं जानू महिमा तेरी,

मैं मूरख अज्ञानी,

मेरे कंठ बसो महारानी ॥

था बिन दीनानाथ आंगली कुण पकड़सी जी(Tha Bin Dheenanath Aangli Kun Pakadsi Ji)

था बिन दीनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी,

जय जय जननी श्री गणेश की (Jai Jai Janani Shri Ganesh ki)

जय जय जननी श्री गणेश की
जय जय जननी श्री गणेश की

लगी रे मेरी मैया जी से प्रीत (Lagi Re Meri Maiya Ji Se Preet)

हार की कोई चिंता नहीं,
पग पग होगी जीत,

जन्म उत्सव आपका हम,आज (Janam Utsav Aapka Hum Aaj)

जन्म उत्सव आपका हम, आज मनाएंगे,

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