नवीनतम लेख

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा (Mere Ghar Aaya Raja Ram Ji Ka Pyara)

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


आँगन बंगला भवन भयो पावन,

हरिजन बैठे हरिजस गावन,

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


करूँ दंडवत चरण पखारूँ,

तन मन धन सब उन पर वारुं,

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


कथा कहे अरु अर्थ विचारे,

आप तरे औरन को तारे,

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


कहे रैदास मिले निज दासा,

जनम जनम के काटे पासा,

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥


आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा,

मेरें घर आया राजा राम जी का प्यारा ॥

तेरे दर जबसे ओ भोले, आना जाना हो गया(Tere Dar Jab Se O Bhole Aana Jana Ho Gaya)

तेरे दर जबसे ओ भोले,
आना जाना हो गया,

धनदालक्ष्मी स्तोत्रम्

देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

सुखी दांपत्य जीवन के 5 उपाय

साल के आखिरी माह यानी दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है, और यह माह कई पवित्र व्रत-त्योहारों से भरा है। इनमें विवाह पंचमी का विशेष महत्व है, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाई जाती है। हिंदू धर्म में राम-सीता की जोड़ी को आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक माना गया है।