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घर में आओ लक्ष्मी माता (Mere Ghar Aao Laxmi Maa)

घर में आओ लक्ष्मी माता,

आओ पधारो श्री गणराजा ।

घर में आओ लक्ष्मी माता,

आओ पधारो श्री गणराजा ॥


दीवाली का त्यौहार आया,

हमने घर को दीपो से सजाया ।

माँ मेरे घर आना भक्तो को भूल न जाना,

सबके घर में चरण धर जाना ॥


घर में आओ लक्ष्मी माता ।

आओ पधारो श्री गणराजा ॥


धन की देवी सबको दौलत देती,

दीवाली का उपहार देती ।

हो खुशिया देती उमंगें देती,

सुखो का संसार देती ।

माँ मेरे घर आना खुशियों से इससे सजाना,

पावन भक्तो का घर कर जाना ॥


घर में आओ लक्ष्मी माता ।

आओ पधारो श्री गणराजा ॥


कमला सन माँ सबपे ममता लुटाती,

देवा गणपति है मंगल मूर्ती ओ,

लक्ष्मी माँ भंडारे भारती,

देवा है कामना पूर्ति ।

माँ मेरे घर आना हाथ जोडू भूल न जाना,

खाली झोली सभी की भर जाना ॥


घर में आओ लक्ष्मी माता ।

आओ पधारो श्री गणराजा ॥


दीवाली का त्यौहार आया,

हमने घर को दीपो से सजाया ।

माँ मेरे घर आना भक्तो को भूल न जाना,

सबके घर में चरण धर जाना ॥

मेरी मां के बराबर कोई नहीं

ऊँचा है भवन, ऊँचा मंदिर
ऊँची है शान, मैया तेरी
चरणों में झुकें बादल भी तेरे
पर्वत पे लगे शैया तेरी

ज्योति कलश छलके (Jyoti Kalash Chhalake)

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ज्योति कलश छलके

कार्तिगाई पर जलाएं पांच दीपक

मासिक कार्तिगाई एक विशेष हिंदू त्योहार है। यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। इस दिन दीप जलाने की परंपरा है। इस दिन खासकर घरों और मंदिरों में दीपक जलाया जाता है।

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