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मेरे गणनायक तुम आ जाओ (Mere Gannayak Tum Aa Jao)

मेरे गणनायक तुम आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


मेरी सखियाँ मुझसे पूछे है,

कब आएंगे गजमुख बोलो,

अब अष्ट विनायक आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओं,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


मन व्याकुल है तन डोले है,

हर साँस मेरी यही बोले है,

अब गौरी नंदन आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओं,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


गौरा के मन मन का तू गौरव,

शिव जी की अँखियों का तारा,

अब विघ्न विनाशक आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओं,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


तेरा मुख मंगल की मूरत है,

तेरा दर्श ही गणपति अमृत है,

कभी मुझ पे दया बरसा जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


मेरे मन में गणपति भक्ति रहे,

तेरी भक्ति ही दाता शक्ति रहे,

रंग ऐसा मुझपे चढ़ा जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओं,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥

श्री गणेश स्तोत्रम्

कैलाशपर्वते रम्ये शम्भुं चन्द्रार्धशेखरम्।
षडाम्नायसमायुक्तं पप्रच्छ नगकन्यका॥

शिव चन्द्रशेखर अष्टक स्तोत्र (Shiv Chandrashekhar Ashtak Stotr)

चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहि माम ।

भगवा रंग चढ़ा है ऐसा, और रंग ना भाएगा (Bhagwa Rang Chadha Hai Aisa Aur Rang Na Bhayega)

भगवा रंग चढ़ा है ऐसा,
और रंग ना भाएगा,

यही वो तंत्र है यही वो मंत्र है (Yahi Wo Tantra Hai Yahi Wo Mantra Hai )

बम भोले बम भोले बम बम बम,
यही वो तंत्र है यही वो मंत्र है,