नवीनतम लेख

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे (Mera Koi Na Sahara Bin Tere)

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे,

मैं तो जनम जनम भटका हूँ,

जगा दे अब भाग्य मेरे,

ओ शिव शंकर मेरे ॥


छोड़ दुनिया के सारे झूठे नाते,

भोले मैं तेरे द्वार आ गया,

मैं तो दुनिया के दुखो से हूँ हारा,

मैं तो दुनिया के दुखो से हूँ हारा,

मिटा दे सब दुःख मेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे ॥


मेरे पांवो में पड़े है देखो छाले,

तेरे दर आते आते,

तेरा मंदिर तो मेरा है द्वारा,

तेरा मंदिर तो मेरा है द्वारा,

लगाने आया मैं हूँ डेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे ॥


तेरे चरणों में जीवन बीते,

यही है विनती मेरी,

मेरी विनती स्वीकार तू करना,

मेरी विनती स्वीकार तू करना,

हे शिव शंकर मेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे ॥


मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे,

मैं तो जनम जनम भटका हूँ,

जगा दे अब भाग्य मेरे,

ओ शिव शंकर मेरे ॥

तमिल हनुमान जयंती कथा

तमिलनाडु में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाई जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, हनुमान जी शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं।

तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में

दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)

बिना लक्ष्मण के है जग सुना सुना (Bina Lakshman Ke Hai Jag Soona Soona)

लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,
रोके सुग्रीव से बोले जाओ,

जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों मानते हैं

सनातन धर्म में हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

यह भी जाने