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मेरा भोला बड़ा मतवाला (Mera Bhola Bada Matwala)

मेरा भोला बड़ा मतवाला,

सोहे गले बीच सर्पों की माला ॥


माथे चन्दा सुहाए,

जटा गंगा बहाये,

कमर बांधे हुए मृगछाला,

मेरा भोला बडा मतवाला ॥


खाते भंगिया धतूर,

करें नशा भरपूर,

समुद्र मंथन का विष पीने वाला,

मेरा भोला बडा मतवाला ॥


रहे परबत कैलाश,

गौरा मइया के साथ,

गोद में बैठे गणपति लाला,

मेरा भोला बडा मतवाला ॥


मेरा भोला बड़ा मतवाला,

सोहे गले बीच सर्पों की माला ॥


दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

राम नाम से जगमग है (Ram Naam Se Jagmag Hai)

वो कितने धनवान धनी जो
राम के दर्शन पाते हैं

भज राधे गोविंदा रे पगले(Bhaj Radhe Govinda Re Pagle)

भज राधे गोविंदा रे पगले,
भज राधे गोविंदा रे,

लाऊँ कहाँ से, भोलेनाथ तेरी भंगिया(Lau Kaha Se Bhole Nath Teri Bhangiya)

लाऊँ कहाँ से,
भोलेनाथ तेरी भंगिया,

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