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मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे(Maiya Tumko Manave Tere Bhakt Re)

मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे,

तेरे भक्त रे,

ओ मेरी मैया मेरी मात रे,

मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,

तेरे भक्त रे,

ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥


तेरा भवन मैया सूना पड़ा है,

सारा ज़माना हाथ जोड़े खड़ा है,

अब तो आजा दरस दिखा जा,

पल पल जाए बीत रे,

मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,

तेरे भक्त रे,

ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥


तेरे दरस की आस जागी है,

तेरे नाम की लगन लगी है,

गा गा कर सब तुमको पुकारे,

रख लो हमारी लाज रे,

मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,

तेरे भक्त रे,

ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥


दरस को नैना तरस रहे हैं,

झर झर आँसू बरस रहे हैं,

अब ना देर लगाओ माता,

प्राण ना जाए छूट रे,

मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,

तेरे भक्त रे,

ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥


जब जब तुमको पुकारा है हमने,

तब तब तुमको पाया है हमने,

शेर सवारी करके आजा,

मन की मिटाने प्यास रे,

मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,

तेरे भक्त रे,

ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥


मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे,

तेरे भक्त रे,

ओ मेरी मैया मेरी मात रे,

मैया तुमको मनाए तेरे भक्त रे,

तेरे भक्त रे,

ओ मेरी मैया मेरी मात रे ॥

हे संकट मोचन करते है वंदन(Hey Sankat Mochan Karte Hai Vandan)

हे संकट मोचन करते है वंदन
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे,

सावन में श्याम बिहारी, झूलेंगे कृष्ण मुरारी(Sawan Mein Shyam Bihari Jhulenge Krishna Murari)

सावन में श्याम बिहारी,
झूलेंगे कृष्ण मुरारी,

श्री भैरव चालीसा (Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥

नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि

नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं—चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्र।

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