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मैया तेरे चरणों की (Maiya Tere Charno Ki )

मैया तेरे चरणों की,

अम्बे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


सुनते है तेरी रहमत,

दिन रात बरसती है,

इक बूंद दया की जो,

इक बूंद दया की जो,

मुझ पे भी बरस जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


जीवन के भवर में माँ,

इस तरह से उलझी हूँ,

तू हाथ बढ़ा दे तो,

तू हाथ बढ़ा दे तो,

भव सागर तर जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


इस मानव जीवन की,

बस एक तमन्ना है,

तू सामने हो मेरे,

तू सामने हो मेरे,

बस दम ये निकल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


मैया तेरे चरणों की,

अम्बे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥

मै तो लाई हूँ दाने अनार के (Main To Layi Hu Daane Anaar Ke)

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के,
मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥

श्री शनिवार व्रत कथा

एक समय समस्त प्राणियों का हित चाहने वाले मुनियों ने नैमिषारण्य बन में एक सभा की उस समय व्यास जी के शिष्य सूत जी शिष्यों के साथ श्रीहरि का स्मरण करते हुए वहाँ पर आये।

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotram)

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥

छोटी-छोटी कन्याएं(Maa Choti Choti Kanyaen)

देखी तेरे दरबार माँ,
छोटी-छोटी कन्याएं ।