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मैया तेरे चरणों की (Maiya Tere Charno Ki )

मैया तेरे चरणों की,

अम्बे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


सुनते है तेरी रहमत,

दिन रात बरसती है,

इक बूंद दया की जो,

इक बूंद दया की जो,

मुझ पे भी बरस जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


जीवन के भवर में माँ,

इस तरह से उलझी हूँ,

तू हाथ बढ़ा दे तो,

तू हाथ बढ़ा दे तो,

भव सागर तर जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


इस मानव जीवन की,

बस एक तमन्ना है,

तू सामने हो मेरे,

तू सामने हो मेरे,

बस दम ये निकल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


मैया तेरे चरणों की,

अम्बे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥

रामा रामा रटते रटते, बीती रे उमरिया (Rama Rama Ratate Ratate)

रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया ।

तेरो लाल यशोदा छल गयो री(Tero Laal Yashoda Chhal Gayo Ri)

तेरो लाल यशोदा छल गयो री,
मेरो माखन चुराकर बदल गयो री ॥

शनिवार को कष्ट कटे, मंगल हो मंगलवार(Saniwar Ko Kasht Kate Mangal Ho Mangalwar)

आ जाओ और किरपा पा लो,
हफ्ते में दो बार,

क्यों मनाई जाती है मत्स्य द्वादशी?

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाने वाली मत्स्य द्वादशी भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाई जाती है।