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मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें (Maiya Ji Se Hoga Milan Dheere Dheere)

लग जाएगी लगन धीरे धीरे,

मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥


करले भरोसा मैया पे प्यारे,

छोड़ दे झूठे जग के सहारे,

जुड़ जाएगा ये मन धीरे धीरे,

जुड़ जाएगा ये मन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥


ज्ञानू सरिका करले समर्पण,

चरणों में कर दे खुद को तू अर्पण,

धड़क उठेगी अगन धीरे धीरे,

धड़क उठेगी अगन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥


दिल को लगा ले चरणों में प्यारे,

‘हर्ष’ रहेगी संग ये तुम्हारे,

महसूस होगीं छुअन धीरे धीरे,

महसूस होगीं छुअन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥


लग जाएगी लगन धीरे धीरे,

मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥

श्रावण शुक्ल की पुत्रदा एकादशी (Shraavan Shukl Kee Putrada Ekaadashee)

युधिष्ठिर ने कहा-हे केशव ! श्रावण मास के शुक्लपक्ष की एकादशी का क्या नाम और क्या माहात्म्य है कृपया आर कहिये श्री कृष्णचन्द्र जी ने कहा-हे राजन् ! ध्यान पूर्वक इसकी भी कथा सुनो।

सीता राम दरस रस बरसे(Sita Ram Daras Ras Barse Jese Savan Ki Jhadi)

चहुं दिशि बरसें राम रस,
छायों हरस अपार,

श्री गंगा चालीसा (Shri Ganga Chalisa)

जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग ।
जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग ॥

विनती सुनलो मेरे गणराज (Vinti Sun Lo Mere Ganraj)

विनती सुनलो मेरे गणराज आज भक्ति क़ा फल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥

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