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मै तो लाई हूँ दाने अनार के (Main To Layi Hu Daane Anaar Ke)

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


टैंट वाले तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का पंडाल बन जाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


बिजली वाले तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का भवन जग मगाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


हलवाई तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का प्रसाद बन जाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


ढोल वाले तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का भजन बन जाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


फूल वाले तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का हार बन जाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥

अन्वाधान पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है। हर त्योहार अपनी पौराणिक कथाओं और परंपराओं के कारण अद्वितीय स्थान रखता है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है 'अन्वाधान’, जिसे वैष्णव सम्प्रदाय विशेष रूप से मनाता है।

गोवर्धन पूजन कथा (Govardhan Pujan Katha)

द्वापर युग की बात हैं भगवान कृष्ण के अवतार के समय भगवान ने गोवर्धन पर्वत का उद्धार और इंद्र के अभिमान का नाश भी किया था।

लंका में बज गया रे डंका श्री राम का(Lanka Mein Baj Gaya Re Danka Shree Ram Ka)

मैं माँ अंजनी का लाला श्री राम भक्त मतवाला,
मेरा सोटा चल गया रे बजा डंका राम का,

भोले शिव मंगलकारी, भोले की महिमा न्यारी (Bhole Shiv Mangalkari Bhole Ki Mahima Nyari)

भोले शिव मंगलकारी,
भोले की महिमा न्यारी,

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