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मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन - भजन (Main Nahi Mera Nahi Ye Tan)

मैं कितना अधम हूँ,

ये तुम ही जानो,

मैं क्या चाहता हूँ,

ये तुम ही जानो,

मै कितना अधम हूँ,

ये तुम ही जान ॥


ना दीनता है ना भाव भक्ति,

ना कुछ भजन है ना आत्मशक्ति,

मैं क्या देखता हूँ,

ये तुम ही जानो,

मै कितना अधम हूँ,

ये तुम ही जानो ॥


दुनिया से मुझको फुर्सत ना मिलती,

तक़दीर की मेरी अटकन ना मिटती,

मैं क्या मांगता हूँ,

ये तुम ही जानो,

मै कितना अधम हूँ,

ये तुम ही जानो ॥


यही दर्द दिल में तड़पन है भारी,

तेरे दर पे आया आगे मर्जी तुम्हारी,

मैं पागल बना हूँ,

ये तुम ही जानो,

मै कितना अधम हूँ,

ये तुम ही जानो ॥


मैं कितना अधम हूँ,

ये तुम ही जानो,

मैं क्या चाहता हूँ,

ये तुम ही जानो,

मै कितना अधम हूँ,

ये तुम ही जानो ॥

कितना रोई पार्वती, शिवनाथ के लिए (Kitna Roi Parvati Shivnath Ke Liye)

कितना रोई पार्वती,
शिवनाथ के लिए,

अथार्गलास्तोत्रम् (Athargala Stotram)

पवित्र ग्रंथ दुर्गा सप्तशती में देवी अर्गला का पाठ देवी कवचम् के बाद और कीलकम् से पहले किया जाता है। अर्गला को शक्ति के रूप में व्यक्त किया जाता है और यह चण्डी पाठ का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

अरज सुणो बनवारी (Araj Suno Banwari)

अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,
अरज सुणो बनवारी,

सोना-चांदी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोने और चांदी की धातुओं का विशेष महत्व है। सदियों से ये भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा रही हैं। भारतीय संस्कृति में सोना-चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।