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मैं हार गया जग से, अब तुमको पुकारा है (Main Haar Gaya Jag Se Ab Tumko Pukara Hai)

मैं हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


मैं रात अमावस की,

तुम सुख का सवेरा हो,

तेरे बिन सुनता नहीं,

कोई दुःख मेरा हो,

कोई दुःख मेरा हो,

तू सुनता है सबकी,

मुझसे क्यों किनारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


ये कैसा बंधन है,

ये कैसा नाता है,

हर पल तू यादों में,

आता और जाता है,

आता और जाता है,

तेरी सांवरी सूरत को,

अब मन में उतारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


दुनिया की खा ठोकर,

दर तेरे आया हूँ,

सर पर अब हाथ धरो,

मैं बहुत सताया हूँ,

मैं बहुत सताया हूँ,

‘प्रवीण’ का तेरे बिन,

पलभर ना गुज़ारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


मैं हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥

श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (Durga Ashtottara Shatanama Stotram)

दुर्गाअष्टोत्तरशतनामस्तोत्र एक पवित्र हिंदू मंत्र या स्तोत्र है, जिसमें देवी दुर्गा के 108 नामों का वर्णन है। यह स्तोत्र दुर्गा सप्तशती के अंदर आता है और देवी दुर्गा की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है।

शनिवार को कष्ट कटे, मंगल हो मंगलवार(Saniwar Ko Kasht Kate Mangal Ho Mangalwar)

आ जाओ और किरपा पा लो,
हफ्ते में दो बार,

जय हो बाबा विश्वनाथ (Jay Ho Baba Vishwanath)

जय हो बाबा विश्वनाथ,
जय हो भोले शंकर,

बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा (Baba Karle Tu Ithe Bhi Nazar Bhagat Koi Rota Hoyega)

बाबा करले तू इत्थे भी नजर,
भगत कोई रोता होवेगा,