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मैं आया हूं तेरे द्वारे, गणराज गजानन प्यारे - भजन (Main Aaya Hoon Tere Dware Ganaraj Gajanan Pyare)

मैं आया हूँ तेरे द्वारे,

गणराज गजानन प्यारे ॥


दोहा – प्रथमे गौरा जी को वंदना,

द्वितीये आदि गणेश,

तृतीये सुमिरा माँ शारदा,

मेरे कारज करो हमेश।

पहले किसे मनाइए,

और किसका कीजे ध्यान,

मात पिता गुरु आपणा,

सकल पुरुष का नाम ॥


मैं आया हूँ तेरे द्वारे,

गणराज गजानन प्यारे,

मेरी नैया पड़ी है किनारे,

ओ विघन विनाशन हारे,

मुझे कौन संभाले,

मेरी लाज बचाले,

मेरे मन मोहिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया ॥


प्रथम मनाऊं मैं तुम्हे,

गौरी पुत्र गणेश जी,

दुष्टो का करते दमन,

काटो कठिन कलेश जी,

विद्या का भंडार है,

माया बड़ी अपार है,

ये अद्भुत अवतार है,

सबका बेड़ा पार है।

मुझे कौन संभाले,

मेरी लाज बचाले,

मेरे मन मोहिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया ॥


रूप चतुर्भुज है तेरा,

मूरत बड़ी विशाल है,

मूसे पे असवार हो,

बड़ी निराली चाल है,

रिद्धि सिद्धि सेवा करे,

योगीजन तेरा ध्यान धरे,

भक्तो उद्धार करे,

भवसागर से पार करे।

मुझे कौन संभाले,

मेरी लाज बचाले,

मेरे मन मोहिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया ॥


‘शिवमण्डल’ गणराज का,

गाता हरदम गीत है,

इच्छा पूरी हो रही,

होती सदा ही जीत है,

जीवन में जो चैन है,

गणपति जी की देन है,

अपना बनाया है तुझे,

खुशी से चमके नैन हैं।

मुझे कौन संभाले,

मेरी लाज बचाले,

मेरे मन मोहिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया ॥


मैं आया हूं तेरे द्वारे,

गणराज गजानन प्यारे,

मेरी नैया पड़ी है किनारे,

ओ विघन विनाशन हारे,

मुझे कौन संभाले,

मेरी लाज बचाले,

मेरे मन मोहिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया,

तेरा बस ध्यान किया,

गजानन नाम लिया ॥

फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो (Fagun Ki Rut Phir Se Aayi Khatu Nagri Chalo)

फागुन की रुत फिर से आई,
खाटू नगरी चालो,

त्रिपुर भैरवी जयंती कब है ?

हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को माता त्रिपुर भैरवी के जन्मदिवस को त्रिपुर भैरवी जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है जो शक्ति और पराक्रम की प्रतीक माता त्रिपुर भैरवी की महिमा को दर्शाता है।

मान अकबर का घटाया है (Maan Akbar Ka Ghataya Hain)

मां ज्वाला तेरी देवीय शक्ति, नमन करूं श्रीनायक।
मान भक्तों का बढ़ाया है रे, मान भक्तों का बढ़ाया है।

श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् (Shri Govind Damodar Stotram)

अग्रे कुरूणामथ पाण्डवानांदुःशासनेनाहृतवस्त्रकेशा।