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महामंत्र शिवजी का, हमें प्यारा लागे - भजन (Mahamantra Shivji Ka Hame Pyara Lage)

महामंत्र शिवजी का,

हमें प्यारा लागे ॥


महामंत्र – ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे,

सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,

उर्वारुकमिव बन्‍धनान्,

मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॥


महामंत्र शिवजी का,

हमें प्यारा लागे,

बड़ा प्यारा लागे,

सबसे पावन सबसे सुंदर,

और न्यारा लागे ॥


महामंत्र ब्रह्मा ने जापा,

रच दिए वेद सारे,

श्रष्टि की फिर संरचना की,

मंत्र के सहारे,

महामंत्र ब्रह्मा जी को,

बड़ा प्यारा लगे,

बड़ा प्यारा लगे,

सबसे पावन सबसे सुंदर,

और न्यारा लागे ॥


महामंत्र विष्णु ने जापा,

लक्ष्मी जी को पाया,

बारह अवतारो में फिर इस,

श्रष्टि में बचाया,

महामंत्र विष्णु जी को,

बड़ा प्यारा लगे,

बड़ा प्यारा लगे,

सबसे पावन सबसे सुंदर,

और न्यारा लागे ॥


महामंत्र ये भक्त जनो को,

म्रत्यु से बचाए,

महामंत्र को जपने वाले,

शिव शंकर को पाए,

महामंत्र भव सागर,

का किनारा लागे,

किनारा लागे,

सबसे पावन सबसे सुंदर,

और न्यारा लागे ॥


महामन्त्र शिवजी का,

हमें प्यारा लागे,

बड़ा प्यारा लागे,

सबसे पावन सबसे सुंदर,

और न्यारा लागे ॥

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जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,
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श्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी ।

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ (Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath)

भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,

अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,