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मात अंग चोला साजे (Maat Ang Chola Saje Har Rang Chola Saje)

हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ


मात अंग चोला साजे,

हर रंग चोला साजे

मात की महिमा देखो,

ज्योत दिन रैना जागे


तू ओढे लाल चुनरिया,

गहनो से करे श्रृंगार

शेरो पर करे सवारी,

तू शक्ति का अवतार

तेरे तेज बहरे दो नैना,

तेरे अधरों पर मुस्कान

तेरे द्वारे शीश झुकाये,

क्या निर्धन क्या बलवान

तेरे ही नाम का मात,

जगत में डंका बाजे

मात अंग चोला साजे...


ऊँचा है मंदिर तेरा,

ऊँचा तेरा अस्थान

दानी क्या कोई दूजा,

माँ होगा तेरे सामान

जो आए श्रद्धा लेके,

वो ले जाए वरदान

हे माता तू भगतो के,

सुख दुःख का रखे ज्ञान

तेरे चरणो में आके,

भाग्य कैसे ना जागे


जब अयोध्या में जन्म, लिया राम ने(Jab Ayodhya Mein Janm Liya Ram Ne)

जब अयोध्या में जन्म,
लिया राम ने ॥

भीष्म अष्टमी की पूजा विधि

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ‘भीष्म अष्टमी’ कहा जाता है।

शुक्रवार व्रत कथा और महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सप्ताह के सातों दिनों में से शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित माना जाता है। शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत उनकी व्रत कथा के बिना अधूरा माना जाता है।

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ (Japte Raho Subah Shaam Bholenath)

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,

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