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माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी(Maa Unche Parwat Wali Karti Shero Ki Sawari)

माँ ऊँचे पर्वत वाली,

करती शेरो की सवारी,

अम्बे माँ,

घर में पधारो मेरी माँ,

अम्बे माँ,

घर में पधारो मेरी माँ ॥


तेरे नाम की ज्योत जली है,

दर्शन को टोली खड़ी है,

अम्बे माँ,

आरती उतारूं मेरी माँ,

अम्बे माँ,

आरती उतारूं मेरी माँ ॥


आँखे दर्शन की है प्यासी,

आजा माता मिटे उदासी,

अम्बे माँ,

चरण पखारूँ मेरी माँ,

अम्बे माँ,

चरण पखारूँ मेरी माँ ॥


हम सब भक्ति भाव ना जाने,

पूजा पाठ नहीं कुछ जाने,

अम्बे माँ,

तेरे ही गुण गाऊं ओ माँ,

अम्बे माँ,

तेरे ही गुण गाऊं ओ माँ ॥


माँ ऊँचे पर्वत वाली,

करती शेरो की सवारी,

अम्बे माँ,

घर में पधारो मेरी माँ,

अम्बे माँ,

घर में पधारो मेरी माँ ॥

मार्गशीर्ष माह में कब-कब पड़ेंगे प्रदोष व्रत?

हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।

नकद-तिजोरी पूजा विधि

हर व्यक्ति चाहता है कि उसका घर धन-धान्य से भरा रहे। इसके लिए वे नकद और तिजोरी की पूजा करते हैं। भारतीय परंपरा में नकद और तिजोरी धन और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

श्री महालक्ष्मी चालीसा

जय जय श्री महालक्ष्मी करूं माता तव ध्यान।
सिद्ध काज मम किजिए निज शिशु सेवक जान।।

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की - माँ संतोषी भजन (Main Toh Aarti Utaru Re Santoshi Mata Ki)

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।