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माँ शारदे! हम तो हैं बालक तेरे(Maa Sharde Ham To Balak Hain Tere)

माँ शारदे, माँ शारदे,

माँ शारदे, माँ शारदे,

ओ मैया हम तो हैं बालक तेरे माँ,

॥माँ शारदे माँ शारदे...॥


तू है दयालु बड़ी,

माँ वीणा पाणी,

करती दया हो सब पे,

अम्बे भवानी,

हो मैया विद्या का आके,

हमको भी भण्डार दे,

॥माँ शारदे, माँ शारदे...॥


करदो हमारी आज,

माँ पूरी आशा,

कब से है ‘शर्मा’ तेरे,

दर्शन का प्यासा,

ओ मैया दर्शन हमे भी,

आ के माँ एक बार दे,

॥माँ शारदे, माँ शारदे...॥


मांगे न ‘लक्खा’ तुमसे,

दौलत खजाना,

सात स्वरों का मुझको,

अमृत पिलाना,

ओ मैया मेरी ही माता के जैसा,

बस प्यार दे,

॥माँ शारदे, माँ शारदे...॥


माँ शारदे माँ शारदे,

मा शारदे माँ शारदे,

ओ मैया हम तो हैं बालक तेरे माँ,

॥माँ शारदे, माँ शारदे...॥

म्हारा सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला(Mhara Salasar Ka Bala O Ji Anjani Maa Ka Lala)

म्हारा सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,

सीता माता जी की आरती (Sita Mata Ki Aarti)

आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥

आश्विन मास कृष्ण पक्ष की इन्दिरा नाम एकादशी की कथा (Aashvin Maas Krshn Paksh Kee Indira Naam Ekaadashee Kee Katha)

महाराज युधिष्ठिर ने भगवान् कृष्ण से पुनः प्रश्न किया कि भगवन् ! अब आप कृपा कर आश्विन कृष्ण एकादशी का माहात्म्य सुनाइये।