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माँ शारदा भवानी, बैठी है देखो कैसे(Maa Sharda Bhawani Bethi Hai Dekho Kaise)

माँ शारदा भवानी,

बैठी है देखो कैसे,

मैया सजी है ऐसे,

दुल्हन बनी हो जैसे,

मां शारदा भवानी,

बैठी है देखो कैसे ॥


हाथो में चूड़ी चमके,

माथे में बिंदियां दमके,

कानो में बाली लटके,

बालो में गजरा महके,

लहराए केश ऐसे,

काली घटा के जैसे,

मैया सजी है ऐसे,

दुल्हन बनी हो जैसे,

मां शारदा भवानी,

बैठी है देखो कैसे ॥


हीरो जड़ी है नथनी,

सोने की पहने ककनी,

पाओ में पहने मुंदरी,

ओढे है लाल चुनरी,

चेहरा चमक रहा है,

पूनम के चाँद जैसे,

मैया सजी है ऐसे,

दुल्हन बनी हो जैसे,

मां शारदा भवानी,

बैठी है देखो कैसे ॥


पाओ में है महावल,

पायल है घुंघरू वाली,

आंखे है काली काली,

होठो पे लाल लाली,

माँ के नयन है ऐसे,

खिलते कमल हो जैसे,

मैया सजी है ऐसे,

दुल्हन बनी हो जैसे,

मां शारदा भवानी,

बैठी है देखो कैसे ॥


माँ शारदा भवानी,

बैठी है देखो कैसे,

मैया सजी है ऐसे,

दुल्हन बनी हो जैसे,

मां शारदा भवानी,

बैठी है देखो कैसे ॥

वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है (Wo Kon Hai Jisne Humko Di Pahachan Hai)

वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,

वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे (Vridavan Dham Apaar Jape Ja Radhe Radhe)

वृन्दावन धाम अपार,
जपे जा राधे राधे,

श्री लड्डू गोपाल चालीसा (Shri Laddu Gopal Chalisa)

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ||

फाल्गुन महीना दुर्गा अष्टमी

प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-भक्ति की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है।