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माँ रेवा थारो पानी निर्मल,
खलखल बहतो जायो रे..
माँ रेवा !
अमरकंठ से निकली है रेवा,
जन-जन कर गयो भाड़ी सेवा..
सेवा से सब पावे मेवा,
ये वेद पुराण बतायो रे !
बोली गौरी सुनो भोला, बात मेरी ध्यान से सुनलो,
आरती अतिपावन पुराण की, धर्म भक्ति विज्ञान खान की,
कामधेनु एक दिव्य गाय है, जिसे सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान निकले चौदह रत्नों में से एक, कामधेनु को देवताओं और दानवों दोनों ने ही पाने की इच्छा रखी थी।
पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना,