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माँ का नाम जपे जा हर पल(Maa Ka Naam Jape Ja Har Pal)

माँ का नाम जपे जा हर पल,

लागे ना कोई मोल रे,

जय माता दी बोल रे तू,

जय माता दी बोल रे ॥


माता रानी की मन्त्र जो जपते,

माँ को लगते प्यारे,

महारानी माँ वैष्णो का तू,

निशदिन ध्यान लगा ले,

मन की अंगूठी में तू जड़ ले,

ये हीरा अनमोल रे,

जय माता दी बोल रे तू,

जय माता दी बोल रे ॥


जिसने जो माँगा दे डाली,

ऐसी है माँ दानी,

इनसे ना कोई भेद छुपा है,

सबके मन की जानी,

सबकी नेकी बदिया रही माँ,

सच की तराजू तोल रे,

जय माता दी बोल रे तू,

जय माता दी बोल रे ॥


लाल चुनरिया ओढ़ के बैठी,

गुफा में पिंडी रानी है,

माँ की महिमा कैसे जाने,

हम मूरख अज्ञानी है,

यहाँ वहां मत ढूढ़ सरल तू,

भीतर अपने टटोल रे,

जय माता दी बोल रे तू,

जय माता दी बोल रे ॥


माँ का नाम जपे जा हर पल,

लागे ना कोई मोल रे,

जय माता दी बोल रे तू,

जय माता दी बोल रे ॥

तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो (Tara Hai Sara Zamana, Shyam Hamko Bhi Taro)

तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।

श्री गौमाता जी की आरती (Shri Gaumata Ji Aarti)

ॐ जय गौमाता, मैया जय जय गौमाता,
जो कोई तुमको सेवत, त्रिभुवन सुख पाता।।

बसंत पंचमी पर महाकुंभ का स्नान क्यों है खास?

महाकुंभ जो कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है इस बार बसंत पंचमी पर विशेष रूप से खास होने वाला है। इस दिन महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है जो कि त्रिवेणी संगम में होगा।

माघ के पहले प्रदोष पर कैसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न

इस बार माघ महीने का पहला प्रदोष व्रत, 27 जनवरी, सोमवार के दिन पड़ रहा है। चूंकि यह सोमवार के दिन है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है।

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