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लाल ध्वजा लहराये रे, मैया तोरी ऊंची पहड़ियान (Lal Dhwaja Lahraye Re Maiya Teri Unchi Pahadiya)

लाल ध्वजा लहराये रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥


लोंग इलायची के बीड़ा लगाए,

चम्पा चमेली के हार बनाये,

लाल अनार चड़ाए रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥


लाल गुलाल से लाल भये है,

लाल तुम्हारे निहाल भये है,

मैया के रंग रंग आये रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥


‘पदम्’ सुमर मैया तोरे जस गाये,

चरणों मे तोरे शीश झुकाये,

गीत सुमन बरसाए रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥


लाल ध्वजा लहराये रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥

भीष्म अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त एवं योग

माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन बाणों की शय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग किए थे। इसलिए सनातन धर्म में यह तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है।

हम को मन की शक्ति देना (Hum Ko Mann Ki Shakti Dena)

हम को मन की शक्ति देना,
मन विजय करें ।

श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् (Shri Govind Damodar Stotram)

अग्रे कुरूणामथ पाण्डवानांदुःशासनेनाहृतवस्त्रकेशा।

सुनले ओ मेरी मैया, मुझे तेरा ही सहारा (Sunle O Meri Maiya Mujhe Tera Hi Sahara)

सुनले ओ मेरी मैया,
मुझे तेरा ही सहारा,