नवीनतम लेख

क्यों घबराता है पल पल मनवा बावरे (Kyun Ghabrata Hai Pal Pal Manva Baware)

क्यों घबराता है,

पल पल मनवा बावरे,

चल श्याम शरण में,

मिलेगी सुख की छाँव रे,

जीवन की राह में,

थक गए हो तेरे पाँव रे,

ओ बावरे, ओ बावरे,

क्यूँ घबराता है,

पल पल मनवा बावरे,

चल श्याम शरण में,

मिलेगी सुख की छाँव रे ॥


जो शरण श्याम की लेले,

वो फिर क्यों संकट झेले,

जो श्याम भरोसे रहकर,

जीवन की बाज़ी खेले,

जीत जायेगा हर एक,

हारा दाव रे,

ओ बावरे, ओ बावरे,

क्यूँ घबराता है,

पल पल मनवा बावरे,

चल श्याम शरण में,

मिलेगी सुख की छाँव रे ॥


जो भी इस दुनिया में है,

श्री श्याम भरोसे चलता,

परिवार सदा ही जिसका,

बाबा की कृपा से पलता,

कभी ना रहता खुशियों,

का अभाव रे,

ओ बावरे, ओ बावरे,

क्यूँ घबराता है,

पल पल मनवा बावरे,

चल श्याम शरण में,

मिलेगी सुख की छाँव रे ॥


ये सारे जग का दाता,

हैं सबका भाग्य विधाता,

प्रेमी के हर आंसू का,

सांवरिया मोल चुकाता,

हर प्रेमी के संग है इसको,

लगाव रे,

ओ बावरे, ओ बावरे,

क्यूँ घबराता है,

पल पल मनवा बावरे,

चल श्याम शरण में,

मिलेगी सुख की छाँव रे ॥


सुख दुःख हस हस कर सहना,

पर दूर ना प्रभु से रहना,

ये तेरे संग रहेगा,

मानो ‘रोमी’ का कहना

इसको प्यारा है,

भक्त भजन और भाव रे,

ओ बावरे, ओ बावरे,

क्यूँ घबराता है,

पल पल मनवा बावरे,

चल श्याम शरण में,

मिलेगी सुख की छाँव रे ॥


क्यों घबराता है,

पल पल मनवा बावरे,

चल श्याम शरण में,

मिलेगी सुख की छाँव रे,

जीवन की राह में,

थक गए हो तेरे पाँव रे,

ओ बावरे, ओ बावरे,

क्यूँ घबराता है,

पल पल मनवा बावरे,

चल श्याम शरण में,

मिलेगी सुख की छाँव रे ॥

कांवड़ सजा के चालो, सावन ऋतू है आई (Kanwar Saja Ke Chalo Sawan Ritu Hai Aayi)

कांवड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई,

कलयुग में फिर से आजा, डमरू बजाने वाले (Kalyug Mein Fir Se Aaja Damru Bajane Wale)

कलयुग में फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले,

महाशिवरात्रि व्रत विधि

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों मे एक है। यह पर्व भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता है और फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

राम कथा सुनकर जाना (Ram Katha Sunkar Jana)

जीवन का निष्कर्ष यही है,
प्रभु प्रेम में लग जाना,

यह भी जाने