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क्या करे इन हाथों का, इतने इतने हाथ (Kya Karein In Hathon Ka Itne Itne Haath)

क्या करे इन हाथों का,

इतने इतने हाथ,

कमसे कम दो सर पे रख दे,

देंगे आशीर्वाद ॥


बड़ी सरकार हो मैया,

हजारो हाथ वाली हो,

अगर तक़दीर से मेरे,

तेरे दो हाथ खाली हो,

हाथों को भी काम मिले,

बन जाए मेरी बात,

कमसे कम दो सर पे रख दे,

देंगे आशीर्वाद,

क्या करे इन हाथो का ॥


हाथ दो सर पे रखकर माँ,

अगर तुम भूल जाओगी,

फर्क कितना पड़ेगा माँ,

अगर दो कम बताओगी,

दो की गिनती ना करियो,

माँ बाकी के साथ,

कमसे कम दो सर पे रख दे,

देंगे आशीर्वाद,

क्या करे इन हाथो का ॥


हजारो हाथ रखवाते,

मगर ये बात काफी है,

ये बेड़ा पार लगाने को,

तेरे दो हाथ काफी है,

बाकी सारे याद रहे,

रहे ना दोनों याद,

कमसे कम दो सर पे रख दे,

देंगे आशीर्वाद,

क्या करे इन हाथो का ॥


हाथ माँ रखते ही तेरे,

ये आंसू गिर गिर ना जाए,

कलेजा ममता से तेरा,

अगर माँ भर भर ना जाए,

खिंच लियो बनवारी माँ,

सर से हाथों हाथ,

कमसे कम दो सर पे रख दे,

देंगे आशीर्वाद,

क्या करे इन हाथो का ॥


क्या करे इन हाथों का,

इतने इतने हाथ,

कमसे कम दो सर पे रख दे,

देंगे आशीर्वाद ॥

विष्णु सहस्त्रनाम (Vishnu Sahastranam )

ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः ।

कावड़ियां ले चल गंग की धार (Kawadiya Le Chal Gang Ki Dhar)

कावड़िया ले चल गंग की धार ॥

शिवरात्रि का त्यौहार है (Shivratri Ka Tyohar Hai)

शिवरात्रि का त्यौहार है,
शिव शंकर का वार है,

मेरा संकट कट गया जी (Mera Sankat Kat Gaya Ji)

मेरा संकट कट गया जी,
मेहंदीपुर के दरबार में,

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