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कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

हर ख़ुशी मिल जायेगी तुझे,

चरणों में झुक जाने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


प्रेम के मंजिल के राही,

कष्ट पाते हैं मगर,

बीज़ फलता है सदा,

मिट्टी में मिल जानें के बाद,


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


देख़कर काली घटा को,

ए भ्रमर मत हो निराश,

बंद कलियाँ भी खिलेंगी,

रात ढल जानें के बाद,


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


पूछों इन फूलों से जाकर,

छाई है कैसे बहार,

कब तलाक काँटों पे सोया,

डाल पर आने के बाद,


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


जब तलक है भेद मन में,

कुछ नहीं कर पायेगा,

रंग लाएगा ये साधन,

भेद मिट जाने के बाद,


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

हर ख़ुशी मिल जायेगी तुझे,

चरणों में झुक जाने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,

हरी शरण आने के बाद ।


इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले( Itna to Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle)

इतना तो करना स्वामी,
जब प्राण तन से निकले

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