नवीनतम लेख

कोई देवता नही है, भोले नाथ की तरह (Koi Devta Nahi Hai Bhole Nath Ki Tarah)

कोई देवता नही है,

भोले नाथ की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


शिव ने हमारे वास्ते,

क्या क्या नहीं किया,

सौ बार शुक्रिया है,

सौ सौ बार शुक्रिया,

रखते खयाल मेरा,

औलाद की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


अहसान इनके लाखों है,

कितने मैं गिनाऊँ,

किस किस को बताऊँ,

और क्या क्या मैं बताऊँ,

ये लाज मेरी समझे,

अपनी लाज की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


अब माँगने को हाथ,

ये उठते नही मेरे,

कहता ‘पवन’ अब कोई,

चिंता नहीं घेरे,

रहे संग ये हमेशा,

मेरी साँस की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


कोई देवता नही है,

भोले नाथ की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥

रानीसती चालीसा ( Ranisati Chalisa )

श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार I

बसंत पंचमी कथा

बसंत पंचमी सनातन धर्म का विशेष पर्व है, जिसे माघ महीने में मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। इस खास दिन पर माता शारदा की पूजा की जाती है और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

बालाजी के चरणों में ये काम कर दिया (Balaji Ke Charno Mein Ye Kaam Kar Diya)

बालाजी के चरणों में ये काम कर दिया,
एक दिल था वो भी इनके नाम कर दिया ॥

बोली गौरी सुनो भोला, बात मेरी ध्यान से सुनलो (Boli Gaura Suno Bhola Baat Meri Dhyan Se Sunlo)

बोली गौरी सुनो भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो,

यह भी जाने