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कितने दिनों के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की,

अब आ भी जा माँ,

आस लगाई आई,

भक्तो रात भजन की ॥


सूरज चाँद सितारे हरदम,

तेरा माँ गुण गाते,

दूर दूर से भक्त माँ तेरे,

दर्शन पाने आते,

तेरे चरणों में माँ,

ज्योत जलाई आई,

भक्तो रात भजन की,

कितने दिनो के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की ॥


दुखियों का दुःख दूर करे माँ,

दुष्टों का संहार करे,

जो माँ को श्रद्धा से ध्याये,

माँ उसका उद्धार करे,

सच कहती हूँ है ये,

ममता की माई आई,

भक्तो रात भजन की,

कितने दिनो के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की ॥


इस जग में सबकुछ है पराया,

झूठी है सब माया,

धूल जाते है पाप सभी जब,

माँ का दर्शन पाया,

बस दर्शन पाले तेरा,

शेरावाली माई आई,

भक्तो रात भजन की,

कितने दिनो के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की ॥


कितने दिनों के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की,

अब आ भी जा माँ,

आस लगाई आई,

भक्तो रात भजन की ॥

उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी मंजरी का उपाय

इस वर्ष में मंगलवार, 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।

भोले तेरी कृपा से युग आते युग जाते है (Bhole Teri Kripa Se Yug Aate Yug Jate Hain)

भोले तेरी कृपा से
युग आते युग जाते है

मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे(Meri Jholi Chhoti Padgayi Re Itna Diya Meri Mata)

मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।