नवीनतम लेख

किस विधि वंदन करू तिहारो(Kis Vidhi Vandan Karun Tiharo Aughardani)

किस विधि वंदन करू तिहारो,

औघड़दानी त्रिपुरारी

बलिहारी - बलिहारी

जय महेश बलिहारी ॥


नयन तीन उपवीत भुजंगा,

शशि ललाट सोहे सिर गंगा

मुंड माल गल बिच विराजत,

महिमा है भारी ।

बलिहारी - बलिहारी

जय महेश बलिहारी ॥ 1 ॥


कर में डमरू त्रिशुल तिहारे,

कटी में हर वाघंबर धारे

उमा सहित हीम शैल विराजत,

शोभा है न्यारी ।

बलिहारी - बलिहारी

जय महेश बलिहारी ॥ 2 ॥


पल में प्रभु तुम प्रलयंकर,

पर प्रभो सदय उभयंकर

ऋषी मुनि भेद न पाये तिहारो,

हम तो है संसारी ।

बलिहारी - बलिहारी

जय महेश बलिहारी ॥ 3 ॥


अगम निगम तब भेद न जाने,

ब्रम्हा विष्णु सदा शिव माने

देवो के ओ महादेव अब,

रक्षा करो हमारी ।

बलिहारी - बलिहारी

जय महेश बलिहारी ॥ 4 ॥


किस विधि वंदन करू तिहारो,

औघड़दानी त्रिपुरारी

बलिहारी - बलिहारी

जय महेश बलिहारी ॥

मौनी अमावस्या का महत्व

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को अत्यंत शुभ और पवित्र माना गया है। वर्षभर में 12 अमावस्या तिथियां आती हैं, लेकिन माघ मास में पड़ने वाली मौनी अमावस्या को विशेष आध्यात्मिक महत्ता प्राप्त है।

मैं शिव का हूँ शिव मेरे है: भजन (Main Shiv Ka Hu Shiv Mere Hai)

मैं शिव का हूँ शिव मेरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,

हे शिव भोले मुझ पर, दो ऐसा रंग चढ़ाय(Hey Shiv Bhole mMujhpar Do Aisa Rang Chadaye)

हे शिव भोले मुझ पर,
दो ऐसा रंग चढ़ाय,

लेके गौरा जी को साथ भोले-भाले भोले नाथ(Leke Gaura Ji Ko Sath Bhole Bhale Bhole Nath)

लेके गौरा जी को साथ,
भोले-भाले भोले नाथ,

यह भी जाने