नवीनतम लेख

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,

री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

दृगन पै लिख दे दीनदयाल

नासिका पै लिख दे नन्दलाल

कपोलन पै लिख दे गोपाल

माथे लिख दे, मोहन लाल

श्रवनन पै लिख सांवरो, अधरन आनंदकंद,

ठोड़ी पै ठाकुर लिखो, गले में गोकुलचन्द ।

छाती पै लिख छैल, बाँहन पै लिख दे बनवारी ।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,

री लीला गुदवाय लो प्यारी ।


हाथन पै हलधर जी को भईया लिख ,

संग संग तू आनंद-करैया लिख

उंगरिन पै प्यारो कृष्ण कन्हैया लिख

कहूं कहूं वृन्दावन बंसी को बजैया लिख

पेट पै लिख दे परमानन्द

नाभि पै लिख दे तू नन्दनन्द

पिण्डरी पै लिख दे घनश्याम

चरण पै चितचोर को नाम

रोम-रोम में लिख दे मेरो सांवरो गिरिधारी ।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,

री लीला गुदवाय लो प्यारी ।


सखी देखत सब रह गयी कौन प्रेम को फंद

बिसे बिस कोई और नहीं ये छलिया ढोटा नन्द

अंगिया में देखि कसी मुरली परम रसाल

प्यारो प्यारो कह कह हिय लायो नंदलाल ।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,

री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

जिसकी लागी रे लगन भगवान में (Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Mein)

जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।

कावड़ उठाले ध्यान, शिव का लगा ले (Kawad Utha Le Dhyan Shiv Ka Laga Le)

कावड़ उठाले ध्यान,
शिव का लगाले ॥

सांवरिया थारी याद में, अँखियाँ भिगोया हाँ(Sawariya Thari Yaad Me Akhiyan Bhigoya Haan)

सांवरिया थारी याद में,
अँखियाँ भिगोया हाँ,

यह भी जाने