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खेले मसाने में होरी, दिगम्बर(Khele Masane Mein Holi Digambar)

खेले मसाने में होरी,

दिगम्बर,

खेले मसानें में होरी,

भूत पिशाच बटोरी,

दिगम्बर,

खेले मसानें में होरी ॥


गोप ना गोपी श्याम ना राधा,

ना कोई रोक ना कौनो बाधा,

ना साजन ना गोरी,

दिगम्बर,

खेले मसानें में होरी ॥


नाचत गावत डमरू धारी,

छोड़े सर्प गरल पिचकारी,

पीटे प्रेत थपोरी,

दिगम्बर,

खेले मसानें में होरी ॥


भूतनाथ की मंगल होरी,

देख सिहाये बिरज की छोरी,

धन धन नाथ अघोरी,

दिगम्बर,

खेले मसानें में होरी ॥


खेले मसाने में होरी,

दिगम्बर,

खेले मसानें में होरी,

भूत पिशाच बटोरी,

दिगम्बर,

खेले मसानें में होरी ॥

शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त और तारीख

सनातन हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। पर प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने पर उसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।

दुर्गा चालीसा पाठ

धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी (Kaartik Maas Ke Shukl Paksh Kee Prabodhinee Ekaadashee)

ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।

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