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खाटू वाले श्याम धणी को, हैलो आयो है(Khatu Wale Shyam Dhani Ko Helo Aayo Hai)

खाटू चालों खाटू चालों,

खाटू वाले श्याम धणी को,

हैलो आयो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


जगह जगह से,

प्रेमियाँ की टोली आवे है,

नाच झूम के बाबा ने,

निशान चढ़ावें है,

चाव घणों है सब भक्ता को,

मन हर्षायो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


रंग अबीर उड़ावे सगला,

उधम मचावे है,

जोर जोर से श्याम की,

जय जयकार लगावे है,

भक्ता को खाटू नगरी,

में रेलो आयों है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


फागणिये में रंग रसिया को,

खूब सजे दरबार,

मांगणिये का भरे खजाना,

श्याम धनी दातार,

‘गोलू’ के मन की मत पूछो,

आनंद छायों है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


खाटू चालों खाटू चालों,

खाटू वाले श्याम धणी को,

हैलो आयो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥

तेरे द्वार पे आने वालो ने, क्या अजब नज़ारा देखा है (Tere Dawar Pe Aane Walon Ne Kya Ajab Nazara Dekha Hai)

तेरे द्वार पे आने वालो ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है,

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी (Vrindavan Ke O Banke Bihari )

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ॥

कन्हैया ले चल परली पार - भजन (Kanhaiya Le Chal Parli Paar)

कन्हैया ले चल परली पार,
साँवरिया ले चल परली पार,

कन्हैया ने जब पहली बार बजाई मुरली, सारी सृष्टि में आनंद की लहर दौड़ी

मुरलीधर, मुरली बजैया, बंसीधर, बंसी बजैया, बंसीवाला भगवान श्रीकृष्ण को इन नामों से भी जाना जाता है। इन नामों के होने की वजह है कि भगवान को बंसी यानी मुरली बहुत प्रिय है। श्रीकृष्ण मुरली बजाते भी उतना ही शानदार हैं।

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