नवीनतम लेख

कावड़ उठाले ध्यान, शिव का लगा ले (Kawad Utha Le Dhyan Shiv Ka Laga Le)

कावड़ उठाले ध्यान,

शिव का लगाले ॥


दोहा – शिव समान दाता नहीं,

विपत्ति निवारण हार,

लज्जा सब की राखियों,

शिव वर्धा के असवार ॥


कावड़ उठाले ध्यान,

शिव का लगा ले,

भर देंगे झोली भोले,

बिगड़ी बना ले,

हर हर महादेव,

हर हर महादेव ॥


सावन की देखो,

बरसे बदरिया,

लगन लगी भोले से,

रूके ना कांवडिया,

नमः शिवाय ओम,

नमः शिवाय,

हर हर महादेव,

हर कोई बोले बम बम,

के जयकारे,

भर देंगे झोली भोले,

बिगड़ी बना ले,

हर हर महादेव,

हर हर महादेव ॥


कोई लाये कावड़ भर के,

गंगा के जल से,

कोई लाए कावड़ भरके,

यमुना के जल से,

नमः शिवाय ओम,

नमः शिवाय,

हर हर महादेव,

मैं भी अपनी कावर लाया,

चंबल के जल से,

राम तेरी शरण में आया,

फरियाद सुन ले,

भर देंगे झोली भोले,

बिगड़ी बना ले,

हर हर महादेव,

हर हर महादेव ॥


कावड उठा ले ध्यान,

शिव का लगा ले,

भर देंगे झोली भोले,

बिगड़ी बना ले,

हर हर महादेव,

हर हर महादेव ॥

आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में (Aana Ganapati Deva Hamare Ghar Kirtan Mein)

आना गणपति देवा,
हमारे घर कीर्तन में,

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं (Bhole Baba Tere Darbar Mein Jo Aate Hai)

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते है ॥

कांच ही बांस के बहंगिया (Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकति जाए।

महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि पर ही मां पार्वती व भगवान शिव विवाह के बंधन में बंधे थे। महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित है।

यह भी जाने