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काशी नगरी से, आए है शिव शम्भू - भजन (Kashi Nagri Se Aaye Hai Shiv Shambhu)

सुनके भक्तो की पुकार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरी से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


भस्मी रमाए देखो,

डमरू बजाए,

कैसा निराला भोले,

रूप सजाए,

गले में है सर्पो का हार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरीं से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


मृगछाला पहने है,

जटाओं में गंगा,

चमचम चमकता है,

माथे पे चंदा,

गौरी मैया के श्रृंगार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरीं से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


देवों के देव इनकी,

महिमा महान है,

भोले भक्तो के ये तो,

भोले भगवान है,

करने भक्तो का उद्धार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरीं से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


सुनके भक्तो की पुकार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरी से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


सूर्य प्रार्थना

प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥

आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर (Aayo Gandgaon Se Holi Khelan Natwar Nand Kishor)

आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर ।
आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर ।

श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम् (Shri Govind Damodar Stotram)

अग्रे कुरूणामथ पाण्डवानांदुःशासनेनाहृतवस्त्रकेशा।

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे (Mera Koi Na Sahara Bin Tere)

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
ओ शिव शंकर मेरे,

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