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करने वंदन चरणों में बजरंगी, दर पे हम तेरे रोज आएंगे - भजन (Karne Vandan Charno Me Bajrangi)

करने वंदन चरणों में बजरंगी,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे,

हो दर पे तेरे रोज आएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥


द्वार पे तेरी अपनी विपदा सुनाएंगे,

द्वार पे तेरी अपनी विपदा सुनाएंगे,

अपने ह्रदय का हम हाल सुनाएंगे,

अपने ह्रदय का हम हाल सुनाएंगे,

करने पूजन चरणों में महावीरा,

मंदिर में तेरे रोज आएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥



संकट हारी तेरी लीला अपार है,

संकट हारी तेरी लीला अपार है,

दिल में तुम्हारे अपने भक्तो का प्यार है,

दिल में तुम्हारे अपने भक्तो का प्यार है,

करके अर्चन चरणों में मारुतिनंदन,

भक्ति के गीत रोज गाएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥



श्रद्धा सुमन हम तुमको चढ़ाएंगे,

श्रद्धा सुमन हम तुमको चढ़ाएंगे,

दीपक जलाएंगे आरती दिखाएंगे,

दीपक जलाएंगे आरती दिखाएंगे,

करने पूजन चरणों में अंजनीलल्ला,

हवन में नित प्रीत लाएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥



करने वंदन चरणों में बजरंगी,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे,

हो दर पे तेरे रोज आएंगे,

दर पे हम तेरे रोज आएंगे ॥

मौनी अमावस्या का महत्व

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को अत्यंत शुभ और पवित्र माना गया है। वर्षभर में 12 अमावस्या तिथियां आती हैं, लेकिन माघ मास में पड़ने वाली मौनी अमावस्या को विशेष आध्यात्मिक महत्ता प्राप्त है।

श्याम ऐसो जिया में समाए गयो री: भजन (Shyam Eso Jiya Me Samay Gayo Ri)

श्याम ऐसो जिया में,
समाए गयो री,

जीमो जीमो साँवरिया थे (Jeemo Jeemo Sanwariya Thye)

जीमो जीमो साँवरिया थे,
आओ भोग लगाओ जी,

हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

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