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करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां

सदा भवानी दाहनी।

सदा भवानी दाहनी, सम्मुख रहें गणेश।

पांच देव रक्षा करें,

ब्रह्मा, विष्णु, महेश।


करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।


सोने के लोटा गंगाजल पानी माई दोई बिरियां।

सोने के लोटा गंगाजल पानी माई दोई बिरियां।

अतर चढ़ें दो दो शीशियां।

अतर चढ़ें दो दो शीशियां।

अतर चढ़ें दो दो शीशियां, माई दोई बिरियां।


करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।


लाए लदन वन से फुलवा माई दोई बिरियां।

लाए लदन वन से फुलवा माई दोई बिरियां।

हार बनाए चुन चुन कलियां।

हार बनाए चुन चुन कलियां।

हार बनाए चुन चुन कलियां, माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।


पान सुपारी मैय्या ध्वजा नारियल दोई बिरियां।

पान सुपारी मैय्या ध्वजा नारियल दोई बिरियां।

धूप कपूर चढ़ें चुनियां।

धूप कपूर चढ़ें चुनियां।

धूप कपूर चढ़ें चुनियां, माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।


लाल वरन सिंगार करें माई दोई बिरियां।

लाल वरन सिंगार करें माई दोई बिरियां।

मेवा खीर सजी थरियां।

मेवा खीर सजी थरियां, माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।


पांच भगत मिल जस तेरो गावे माई दोई बिरियां।

पांच भगत मिल जस तेरो गावे माई दोई बिरियां।

गुप्तेश्वर की पीर हरो माई दोई बिरियां।

काटों विपत की भई झरियां।

काटों विपत की भई झरियां, माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।


करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।

करें भगत हो आरती माई दोई बिरियां।


मन मोहन मूरत तेरी प्रभु(Mann Mohan Murat Teri Prabhu)

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।

ममता मई माँ हे जगदम्बे(Mamtamayi Maa Hey Jagdambe)

ममता मई माँ हे जगदम्बे,
मेरे घर भी आ जाओ,

आदित्य हृदय स्तोत्रम् (Aditya Hridaya Stotram)

ॐ अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्य, aaditya hriday stotra

श्री भैरव चालीसा (Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥

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