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कन्हैया दौडा आएगा (Kanhaiya Dauda Aayega)

अपने भगत की,

आँख में आँसू,

देख ना पाएगा,

जब जब भी श्याम दिवानों के,

सर पे संकट मंडराएगा,

कन्हैया दौड़ा आएगा,

अपने भगतों के लिए,

कुछ भी कर जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा ॥


जब दूर सवेरा हो,

घनघोर अंधेरा हो,

मेरे श्याम की आस लगाए जा,

तू छोड़ दे नैया को,

बस श्याम भरोसे पर,

बस श्याम नाम गुण गाये जा,

बनकर के माझी साँवरिया,

भव सागर पार करायेगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


हर एक मुसीबत ही,

खुद हल हो जाएगी,

जब मोरछड़ी लहरायेगा,

गोदी में बैठाकर के,

सीने से लगाकर के,

तेरे सिर पर हाथ फिरायेगा,

जितने भी अश्क बहे तेरे,

हर एक का मोल चुकाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


विश्वास की डोरी को,

तू थाम ले कस कर के,

बाँका ना होगा बाल तेरा,

साये सा ‘तरुण’ तेरे,

संग चलता जाएगा,

ये बनकर के रखवाल तेरा,

संकट पे संकट बनकर के,

मेरा श्याम स्वयं चढ़ जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


अपने भगत की,

आँख में आँसू,

देख ना पाएगा,

जब जब भी श्याम दिवानों के,

सर पे संकट मंडराएगा,

कन्हैया दौड़ा आएगा,

अपने भगतों के लिए,

कुछ भी कर जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा ॥

श्री राधा चालीसा (Shri Radha Chalisa)

श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥

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