नवीनतम लेख

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले - भजन (Kali Kali Alko Ke Fande Kyun Dale)

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


दोहा – मेरा एक नज़र तुझे देखना,

किसी बंदगी से कम नहीं,

करो मेरा शुक्रिया मेहरबां,

तुझे दिल में हमने बसा लिया,

आप इस तरह से होश,

उड़ाया ना कीजिये,

यूँ बन संवर के सामने,

आया ना कीजिये ॥


काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


सितमगर हो तुम खूब पहचानते है,

तुम्हारी अदाओ को हम जानते है,

फरेबे मोहब्बत में उलझाने वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


ये रंगीले नैना तुम्ही को मुबारक,

ये मीठे मीठे बैना तुम्ही को मुबारक,

हमारी तरफ से निगाहे हटाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


संभालो जरा ये पीताम्बर गुलाबी,

ये करता है दिल में हमारे खराबी,

जो तेरा हुआ उसको क्या कोई संभाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


जहाँ तुमने चेहरे से पर्दा हटाया,

वही अहले दिल को तमाशा बनाया,

बनाले बावरी को अब अपना बनाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


काली काली अलको के फंदे क्यू डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥

कुंभ संक्रांति पौराणिक कथा

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

मौनी अमावस्या पर कब और कैसे करें स्नान?

माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन मौन साधना करना विशेष लाभदायक माना जाता है। इस साल यह अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र (Gajendr Moksh Stotr )

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि।

यह भी जाने