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कहकर तो देख माँ से, दुःख दर्द तेरे दिल के (Kah Kar To Dekh Maa Se Dukh Dard Tere Dil Ke)

कहकर तो देख माँ से,

दुःख दर्द तेरे दिल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥


मेरी माँ ये भोला मन,

दया करुणा का है संगम,

गंगा की तरह है पावन,

ये माँ का प्यार अपनापन,

टल जाएगी मुसीबत,

एक बार माँ से मिल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥


दुनिया में कही ना देखा,

है माँ का प्यार ऐसा,

तड़प उठता है दिल इसका,

कही पर जो लाल है रोता,

फट जाता है कलेजा,

आँखों से आंसू छलके,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥


कहता ‘सोनू’ गर मानो,

कही भटको ना दीवानों,

है जग जननी यही जानो,

तुम इसकी प्रीत पहचानो,

चाहे तो पल में तेरी,

मैया तक़दीर बदल दे,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥


कहकर तो देख माँ से,

दुःख दर्द तेरे दिल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥

हरि का भजन करो, हरि है तुम्हारा (Hari Ka Bhajan Karo, Hari Hai Tumhara)

हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,

कान्हा तेरी कबसे बाट निहारूं - भजन (Kanha Teri Kabse Baat Niharun)

कान्हा तेरी कबसे,
बाट निहारूं,

सोमवती अमावस्या व्रत से बदलेगी किस्मत

सनातन हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है। अमावस्या तिथि कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन होती है और इस दिन आकाश में चांद दिखाई नहीं देता है। प्रत्येक साल कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं।

श्री शाकम्भरी चालीसा (Shri Shakambhari Chalisa)

बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान ।
शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान ॥