नवीनतम लेख

कभी तो मेरे घर आना,

मोरी शारदा भवानी,

शारदा भवानी, शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के पाँवन में पैंजन बंधाऊँगी,

मैया के पाँवन में पैंजन बंधाऊँगी,

पैंजन बंधाऊँगी, घुंगरू बंधाऊँगी,

छम छम नाच दिखाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के माथे पे बिंदिया सजाऊंगी,

मैया के माथे पे बिंदिया सजाऊंगी,

हिरा जड़े चमकाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


मैया के द्वारे ‘शिवरंजनी’ है आई,

मैया के द्वारे ‘शिवरंजनी’ है आई,

‘शिवरंजनी’ आई, जगराता गाई,

भक्तो संग ठुमका लगाना,

मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥


कभी तो मेरे घर आना,

मोरी शारदा भवानी,

शारदा भवानी, शारदा भवानी,

कभी तो मेरें घर आना,

मोरी शारदा भवानी ॥

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना (Janme Awadh Mein Dashrath Ke Lalna)

जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,

मुझे दास बनाकर रख लेना (Mujhe Das Banakar Rakh Lena)

मुझे दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,

नरक चतुर्दशी 2024: कब है नरक चतुर्दशी? जानें तिथि, पूजा विधि, कथा, महत्व

नरक चतुर्दशी, रूप चौदस या छोटी दिवाली एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो दिवाली के एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित है।

सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

व्रत करने वाला पूर्णिमा व संक्रान्ति के दिन सायंकाल को स्नानादि से निवृत होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठ कर श्रद्धा पूर्वक गौरी, गणेश, वरूण, विष्णु आदि सब देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं सत्यनारायण स्वामी का पूजन तथा कथा-श्रवण सदैव करूंगा ।