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कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)

सुख दुःख दोनों रहते जिस में

जीवन है वो गाओं

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं

उपरवाला पासे फेंके

निचे चलते दांव

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं


भले भी दिन आते जगत में

बुरे भी दिन आते

भले भी दिन आते जगत में

बुरे भी दिन आते

कडवे मिटते फल करम के

यहाँ सभी पते

कभी सीधे कभी उलटे पड़ते

अजब समये के पाओं

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं


सुख दुःख दोनों रहते जिस में

जीवन है वो गाओं

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं


क्या खुशिया क्या गम

ये सब मिलते बरी बरी

क्या खुशिया क्या गम

ये सब मिलते बरी बरी

मालिक की मर्ज़ी पे,

चलती ये दुनिया सारी

ध्यान से खेना जग में

बन्दे अपनी नाव

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं


सुख दुःख दोनों रहते जिस में

जीवन है वो गाओं

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं

सजधज कर जिस दिन, मौत की शहजादी आएगी (Saj Dhaj Kar Jis Din Maut Ki Sahjadi Aayegi)

सजधज कर जिस दिन,
मौत की शहजादी आएगी,

बजरंग बलि बाबा तेरी महिमा गाते है (Bajarang Bali Baba Teri Mahima Gaate Hai)

बजरंग बलि बाबा तेरी महिमा गाते है,
नही संग कुछ लाये है, एक भजन सुनाते है,

ओ रामजी तेरे भजन ने, बड़ा सुख दीना (O Ram Ji Tere Bhajan Ne Bada Sukh Dina)

ओ रामजी तेरे भजन ने,
बड़ा सुख दीना,

कार्तिक पूर्णिमा: पूजा विधि

भारत में कार्तिक पूर्णिमा एक प्रमुख पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन लोग बड़ी संख्या में गंगा तट पर पहुंचकर स्नान करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

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