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काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः।


हो काली काली, महाकाली।

हो काली काली, हो महाकाली।

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

हो काली काली, हो महाकाली।

हो काली काली, हो महाकाली।

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)


आ...

ये अमावस की रात बड़ी काली।

(ये अमावस की रात बड़ी काली।)

घूमने निकली माता महाकाली।

(घूमने निकली माता महाकाली।)

ये अमावस की रात बड़ी काली।

घूमने निकली माता महाकाली।

एक दानव का मुंड लिए हाथ में।

काली काली अमावस की रात में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)


केश बिखरे मां के काले काले।

(केश बिखरे मां के काले काले।)

नैना मैय्या के हैं लाले लाले।

(नैना मैय्या के हैं लाले लाले।)

केश बिखरे मां के काले काले।

नैना मैय्या के हैं लाले लाले।

हे काला कुत्ता भैरो जी के साथ में।

काली काली अमावस की रात में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली भैरो जी के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)


आ...

रूप भैरो जी का काला काला।

(रूप भैरो जी का काला काला।)

ये तो हैं मैय्या काली का लाला।

(ये तो हैं मैय्या काली का लाला।)

रूप भैरो जी का काला काला।

ये तो हैं मैय्या काली का लाला।

बेटा घूमने चला मां के साथ में।

बेटा घूमने चला मां के साथ में।

काली काली अमावस की रात में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली भैरो जी के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)


हे बावन भैरो और छप्पन है करुआ।

(बावन भैरो और छप्पन है करुआ।)

साथ सौ सौगन खेल रहो बरुआ।

(साथ सौ सौगन खेल रहो बरुआ।)

हे बावन भैरो और छप्पन है करुआ।

साथ सौ सौगन खेल रहो बरुआ।

चौसठ जोगनियां मैय्या के साथ में।

हे चौसठ जोगनियां मैय्या के साथ में।

काली काली अमावस की रात में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)


आ...

हो माता काली के मुख से निकले ज्वाला।

(माता काली के मुख से निकले ज्वाला।)

हो गले पहने हैं मुंडो की माला।

(हो गले पहने हैं मुंडो की माला।)

हो माता काली के मुख से निकले ज्वाला।

हो गले पहने हैं मुंडो की माला।

हे रूह कांपे है राही की रात में।

हे रूह कांपे है राही की रात में।

काली काली अमावस की रात में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

हो, काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

हो काली काली, हो महाकाली।

हो काली काली, हो महाकाली।

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

ए...

काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)

(काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में।)


नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें

कलश स्थापना को शुभता और मंगल का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कलश में जल को ब्रह्मांड की सभी सकारात्मक ऊर्जाओं का स्रोत माना गया है।

हनुमान जयंती पूजा विधि

हनुमान जयंती हर साल चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं (Kisi Ke Kam Jo Aaye Use Insan Kahte Hai)

किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।

विवाह पंचमी क्यों मनाई जाती है

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है।