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सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)

जुग जुग जियसु ललनवा,

भवनवा के भाग जागल हो,

ललना लाल होइहे,

कुलवा के दीपक मनवा में,

आस लागल हो ॥


आज के दिनवा सुहावन,

रतिया लुभावन हो,

ललना दिदिया के होरिला जनमले,

होरिलवा बडा सुन्दर हो ॥


नकिया तहवे जैसे बाबुजी के,

अंखिया ह माई के हो

ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो,

अन्जोर भइले हो ॥


सासु सुहागिन बड भागिन,

अन धन लुटावेली हो

ललना दुअरा पे बाजेला बधइया,

अन्गनवा उठे सोहर हो ॥


नाची नाची गावेली बहिनिया,

ललन के खेलावेली हो

ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली,

रस बरसावेली हो ॥


जुग जुग जियसु ललनवा,

भवनवा के भाग जागल हो

ललना लाल होइहे,

कुलवा के दीपक मनवा में,

आस लागल हो ॥

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मकर संक्रांति, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन गंगा में स्नान का काफी महत्व है। इस दिन महाकुंभ में स्नान किया जा सकता है।

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