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सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)

जुग जुग जियसु ललनवा,

भवनवा के भाग जागल हो,

ललना लाल होइहे,

कुलवा के दीपक मनवा में,

आस लागल हो ॥


आज के दिनवा सुहावन,

रतिया लुभावन हो,

ललना दिदिया के होरिला जनमले,

होरिलवा बडा सुन्दर हो ॥


नकिया तहवे जैसे बाबुजी के,

अंखिया ह माई के हो

ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो,

अन्जोर भइले हो ॥


सासु सुहागिन बड भागिन,

अन धन लुटावेली हो

ललना दुअरा पे बाजेला बधइया,

अन्गनवा उठे सोहर हो ॥


नाची नाची गावेली बहिनिया,

ललन के खेलावेली हो

ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली,

रस बरसावेली हो ॥


जुग जुग जियसु ललनवा,

भवनवा के भाग जागल हो

ललना लाल होइहे,

कुलवा के दीपक मनवा में,

आस लागल हो ॥

मईया ये जीवन हमारा, आपके चरणों में है(Maiya Ye Jeevan Hamara Aapke charno Me Hai)

मईया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है,

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो,
परदे की क्या जरुरत,

आंवला नवमी व्रत कथा (Amla Navami Vrat Katha)

आंवला नवमी व्रत आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रखा जाता है। आंवला नवमी के दिन ही भगवान विष्णु ने कुष्माण्डक नामक दैत्य को मारा था और साथ ही आंवला नवमी पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करने से पहले तीन वनों की परिक्रमा भी की थी।

तेरो लाल यशोदा छल गयो री(Tero Laal Yashoda Chhal Gayo Ri)

तेरो लाल यशोदा छल गयो री,
मेरो माखन चुराकर बदल गयो री ॥

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