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जो देना हो तो मईया, उपहार ये देना (Jo Dena Ho To Maiya Uphar Ye Dena)

जो देना हो तो मईया,

उपहार ये देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


वैसे तो पहले ही,

काफी है ये तोहफा,

तू है मेरी मैया है,

मैं हूँ तेरा बेटा,

बेटा का जिस पर हक़ है,

वो प्यार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


दौलत से जीने के,

साधन तो मिल जाए,

पर माँ की ममता को,

लेने कहाँ जाए,

मुझको है बस ममता की,

दरकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


अमृत में ममता का,

जो अंश ना होता,

तो विष और अमृत में,

कोई फर्क ना होता,

‘सोनू’ को उस अमृत की,

एक धार दे देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥


जो देना हो तो मईया,

उपहार ये देना,

तेरी ममता पर थोड़ा,

अधिकार दे देना,

जो देना हों तों मईया,

उपहार ये देना ॥

भानु सप्तमी का व्रत क्यों रखा जाता है

हर माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर यदि रविवार होता है, तो उस दिन भानु सप्तमी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष मास में ये विशेष संयोग 08 दिसंबर, रविवार को बन रहा है।

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी(De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त

माघ मास में आने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए भारी संख्या में भक्त आते हैं।

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ(Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥