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जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया(Jinka Maiya Ji Ke Charno Se Sabandh Hogaya)

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया ।

उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥


माँ की शक्ति को जो भी, प्रणाम करते,

माँ की भक्ति में मन को, जो भी रंगते ।

माँ की किरपा से तन मन प्रसन्न हो गया,

उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥


जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया ।

उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥


जो भी श्रद्धा से आता माँ के दरबार में,

कभी ठोकरे ना खाए इस संसार में ।

उसका रास्ता बुराई का बंद हो गया,

उनके घर में आनंद ही, आनंद हो गया ॥


जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया ।

उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥


माँ को ध्यानु ने ध्याया है सुर ताल से,

निकले भक्ति के स्वर उसकी खड़ताल से ।

माँ का गुणगान छैनो का छंद हो गया,

उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥


जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया ।

उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥


माँ की ज्योति मिटाती है अंधकार को,

कोई विरला ही जाने लख्खा माँ के प्यार को,

ॐ शर्मा को दर ये पसंद हो गया,

उनके घर में, आनंद ही आनंद हो गया ॥


जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया ।

उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥

ऐ मालिक तेरे बंदे हम (Aye Malik Tere Bande Hum)

ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला (Bhaye Pragat Kripala Din Dayala)

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी ।

श्री राम धुन में मन तू (Sri Ram Dhun Mein Mann Tu)

श्री राम धुन में मन तू,
जब तक मगन ना होगा,

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