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झूला पड्यो है कदम्ब की डार (Jhula Padyo Hai Kadamb Ki Daar)

झूला पड्यो है कदम्ब की डार,

झुलावे ब्रज नारी,

ब्रज नारी रे ब्रज नारी,

ब्रज नारी सखियाँ सारी,

झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार,

झुलावे ब्रज नारी ॥


रेशम की सखी डोरी पड़ी है,

मोतियन से कैसी पटरी जड़ी है,

वा में बैठे युगल सरकार,

झुलावे ब्रज नारी,

झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार,

झुलावे ब्रज नारी ॥


मधुर मधुर श्याम बंसी बजावत,

बंसी बजावत रस बरसावत,

नन्ही नन्ही पड़त है फुहार,

झुलावे ब्रज नारी,

झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार,

झुलावे ब्रज नारी ॥


श्याम राधिका झूला झूले,

गोपी ग्वाल देखे फुले,

सब गावत है मल्हार,

झुलावे ब्रज नारी,

झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार,

झुलावे ब्रज नारी ॥


झूला पड्यो है कदम्ब की डार,

झुलावे ब्रज नारी,

ब्रज नारी रे ब्रज नारी,

ब्रज नारी सखियाँ सारी,

झूला पड्यो हैं कदम्ब की डार,

झुलावे ब्रज नारी ॥

राधिके ले चल परली पार(Radhike Le Chal Parli Paar)

गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।

बड़ी मुश्किल से आई तेरे दर (Badi Mushkil Se Aai Tere Dar)

बड़ी मुश्किल से आई तेरे दर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी,

श्री रघुपति जी की वंदना (Shri Raghupati Ji Ki Vandana)

बन्दौं रघुपति करुना निधान, जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥
रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस, सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥

बसंत पंचमी पर बच्चों से कराएं ये उपाय

बसंत पंचमी का त्योहार जो कि हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। जो इस साल 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। शिक्षा, बुद्धि और कला के क्षेत्र में उन्नति के लिए बेहद शुभ माना जाता है।

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