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जय जय शिव ओंकारा, हर हर शिव ओंकारा (Jay Jay Shiv Omkara Har Har Shiv Omkara)

ओम जय शिव ओंकारा,

हर हर शिव ओंकारा,

गंगा जटा समाए आपके,

जिसने जग तारा ॥


जय भयहारक पातक तारक,

जय जय अविनाशी,

जय महेश जय आदिदेव,

जय जय कैलाशी,

कृपा आपकी से मिटता है,

मन का अंधियारा ॥


जय त्रिपुरारी जय मदहारी,

भक्तन हितकारी,

जय डमरुधर जय नागेश्वर,

भोले भंडारी,

मेरी बड़ी भूल को प्रभु ने,

पल में निस्तारा ॥


जो शिव को नाहीं समझे,

वह बड़ा है अज्ञानी,

पग पग पर वह ठोकर खाता,

ऐसा अभिमानी,

शिव कृपा से जगमग करता,

है यह जग सारा ॥


ओम जय शिव ओंकारा,

हर हर शिव ओंकारा,

गंगा जटा समाए आपके,

जिसने जग तारा ॥


श्री धन्वन्तरि जी की आरती (Shri Dhanvantari Ji Ki Aarti)

जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥

मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में: शिव भजन (Mujhe Daas Bana Ke Rakh Lena Bholenath Tum Apne Charno Mein)

मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में,
मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में,

सुबह सुबह हे भोले (Subha Subha Hey Bhole)

सुबह सुबह हे भोले करते हैं तेरी पूजा,
तेरे सिवा हुआ है ना होगा कोई दूजा ।

हरी हरी भांग का मजा लीजिये(Hari Hari Bhang Ka Maja Lijiye)

हरी हरी भांग का मजा लीजिये,
सावन में शिव की बूटी पिया कीजिये,

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