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जल जाये जिह्वा पापिनी, राम के बिना (Jal Jaaye Jihwa Papini, Ram Ke Bina)

राम बिना नर ऐसे जैसे,

अश्व लगाम बिना ।

जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।

जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।


क्षत्रिय आन बिना,

ब्रह्मणज्ञान बिना,

घर संतान बिना ।

देहप्रान बिना,

हाथ दान बिना,

भोजन मान बिना ।

हम सब का बेकार है जीना,

रघुवर नाम बिना ।


जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।

जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।


पंछी पंख बिना,

बिछू डंक बिना,

आरति शंख बिना ।

गणित अंक बिना,

कमल भँवर बिना,

निशा मयंक बिना ।

ब्यर्थ भ्रमण चिंतन भाषण सब,

हरिके नाम बिना ।


जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।

जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।


प्रियाकंत बिना,

हस्तिदंत बिना,

आदी अंत बिना ।

वेद मंत्र बिना,

मठ महंथ बिना,

कुटिया संत बिना ।

भजन बिना नर ऐसे जैसे,

अश्व लगाम बिना ।


जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।

जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।


पुष्प बाग बिना,

संत त्याग बिना,

गाना राग बिना ।

शीश नमन बिना,

नयन दरश बिना,

नारी सुहाग बिना ।

संत कहै ये जग है सूना,

आत्मा ज्ञान बिना ।


जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।

जल जाये जिह्वा पापिनी,

राम के बिना ।

हे दयामय आप ही संसार के आधार हो (Hey Dayamay Aap Hi Sansar Ke Adhar Ho)

हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।
आप ही करतार हो हम सबके पालनहार हो॥

करवा और उसके सात भाइयों की कथा

करवा चौथ के एक अन्य कथा के अनुसार एक समय में किसी नगर में एक साहूकार अपनी पत्नी 7 पुत्रों, 7 पुत्रवधुओं तथा एक पुत्री के साथ निवास करता था।

कार्तिक पूर्णिमा पर धन लाभ

कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।

हे विनय विनायक विनती करा(Hey Vinay Vinayak Vinati Kara)

हे विनय विनायक विनती करा
म्हारे आंगन आप पधारो जी,

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