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जय माता दी बोल भगता, चिट्ठी माँ की आएगी (Jai Mata Di Bol Bhagta Chitthi Maa Ki Aayegi)

जय माता दी बोल भगता,

चिट्ठी माँ की आएगी,

जाग जगराते में,

माँ तेरे भाग्य जगाएगी,

दिल से जो पुकारेगा,

देर ना लगाएगी,

जाग जगराते में,

माँ तेरे भाग्य जगाएगी,

जय माता दीं बोल भगता ॥


इस ज्योत में वास माँ वैष्णो का,

देखे वो जो दास माँ वैष्णो का,

तू ज्योत से ज्योत मन की मिला ले,

फिर देख परकाश माँ वैष्णो का,

झोली मुरादों से भर जाएगी,

जय माता दीं बोल भगता,

चिट्ठी माँ की आएगी,

जाग जगराते में,

माँ तेरे भाग्य जगाएगी,

जय माता दीं बोल भगता ॥


हर साँस रंग ले तू मैया के रंग में,

गा माँ की भेंटे तू भक्तो के संग में,

तुझपे भी रहमत माँ बरसाएगी,

जय माता दीं बोल भगता,

चिट्ठी माँ की आएगी,

जाग जगराते में,

माँ तेरे भाग्य जगाएगी,

जय माता दीं बोल भगता ॥


एक रात दाती के अर्पण तू कर दे,

सर को झुका के समर्पण तू कर दे,

किस्मत सवेरे संवर जाएगी,

जय माता दीं बोल भगता,

चिट्ठी माँ की आएगी,

जाग जगराते में,

माँ तेरे भाग्य जगाएगी,

जय माता दीं बोल भगता ॥


‘संदीप’ एक दिप ऐसा जला ले,

जिसमे हो विश्वास वाले उजाले,

तुझ पे भी माँ की नजर जाएगी,

जय माता दीं बोल भगता,

चिट्ठी माँ की आएगी,

जाग जगराते में,

माँ तेरे भाग्य जगाएगी,

जय माता दीं बोल भगता ॥


जय माता दी बोल भगता,

चिट्ठी माँ की आएगी,

जाग जगराते में,

माँ तेरे भाग्य जगाएगी,

दिल से जो पुकारेगा,

देर ना लगाएगी,

जाग जगराते में,

माँ तेरे भाग्य जगाएगी,

जय माता दीं बोल भगता ॥

माँ की दुआ बड़ी है(Maa Ki Dua Badi Hai)

लाख बार गिर कर मैं,
हर बार उठा हूँ,

ऋण-मोचक मंगल-स्तोत्रं (Rin Mochak Mangal Stotram)

मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद:। स्थिरासनो महाकाय: सर्व-कर्मावरोधकः॥1॥

श्री कृष्ण चालीसा

सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को पूर्णावतार माना गया है। उनका जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था।

नमामि श्री गणराज दयाल(Namami Shri Ganraj Dayal)

नमामि श्री गणराज दयाल,
करत हो भक्तन का प्रतिपाल,

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