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जय जय गणपति गजानंद, तेरी जय होवे (Jai Jai Ganpati Gajanand Teri Jai Hove)

जय जय गणपति गजानंद,

तेरी जय होवे,

जाऊं तोपे बलिहारी,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥


रिद्धि सिद्धि के दाता,

आप कहाते हो,

बिगड़ी हम सब की,

बाबा आप बनाते हो,

जय जय गिरिजा के नंदन,

जय जय गिरिजा के नंदन,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥


तेरा गजमुख रूप,

सभी भक्तों को भाया है,

सब देवो ने मिलकर,

गुणगान सुनाया है,

तेरी सुंदर मोहिनी मूरत,

तेरी सुंदर मोहिनी मूरत,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥


सेवा में खड़े है तेरी,

आज पधारो जी,

गोते खाये ये नैया,

आज सम्भालो जी,

कही डूब ना जाये जीवन,

कही डूब ना जाये जीवन,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥


जय जय गणपति गजानंद,

तेरी जय होवे,

जाऊं तोपे बलिहारी,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥

माघ पूर्णिमा व्रत कथा

सनातन हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का काफी महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन किए गए स्नान और दान विशेष फलदायी होता है।

गजमुख धारी जिसने तेरा, सच्चे मन से (Gajmukhdhari Jisne Tera Sachche Man Se)

गजमुख धारी जिसने तेरा,
सच्चे मन से जाप किया,

हर ग्यारस खाटू में अमृत जो बरसता है (Har Gyaras Khatu Me Amrit Jo Barasta Hai)

हर ग्यारस खाटू में,
अमृत जो बरसता है,

शरण में आये हैं हम तुम्हारी (Sharan Mein Aaye Hain Hum Tumhari)

शरण में आये हैं हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु भगवन ।

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